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हिजबुल्लाह का इजरायल पर रॉकेट हमला,मध्य पूर्व में तनाव चरम पर

मध्य पूर्व में तनाव चरम पर, हिजबुल्लाह का इजरायल पर रॉकेट हमला

मिडिल-ईस्ट में इस समय तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका की ओर से युद्धविराम की कोशिशों के बीच, इजरायल कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। एक ओर गाजा में हमास के साथ टकराव चल रहा है, तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह ने इजरायल के दो प्रमुख शहरों, काट्ज़्रिन और गोलान हाइट्स में नागरिक आबादी के पास रॉकेट हमले किए हैं।

इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने बताया कि इस हमले में कई रॉकेट दागे गए, जिनमें से कुछ नागरिक क्षेत्रों के पास गिरे। इन हमलों से हज़ारों लोगों की जान को खतरा हुआ है। इजरायल ने भी इसके जवाब में कार्रवाई की है।

इसके अलावा, लेबनान की बेका घाटी में स्थित हिजबुल्लाह के हथियार भंडारण सुविधाओं पर इजरायल ने रात भर बमबारी की। इजरायल नियमित रूप से दक्षिण लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है, जिससे इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, अमेरिका ने सीजफायर की कोशिशें जारी रखी हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह बढ़ता तनाव क्षेत्रीय शांति के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।

इजरायल करेगा जवाबी कार्रवाई, हिजबुल्लाह को चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

इजरायल हिजबुल्लाह के इस हमले के जवाब में कई तरह की कार्रवाई कर सकता है। इजरायल की सैन्य रणनीति आमतौर पर तीव्र और सटीक होती है, और इस बार भी इसके कुछ संभावित कदम हो सकते हैं:

  1. हवाई हमले: इजरायल सबसे पहले हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले कर सकता है। इसमें उनके रॉकेट लॉन्च साइट्स, हथियार भंडारण और कमांड सेंटर को निशाना बनाया जा सकता है।
  2. ग्राउंड ऑपरेशन: अगर स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है, तो इजरायल जमीन पर सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है। इसमें हिजबुल्लाह के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती की जा सकती है।
  3. खुफिया अभियान: इजरायल की खुफिया एजेंसियां हिजबुल्लाह के प्रमुख नेताओं को निशाना बना सकती हैं। इसमें ड्रोन हमले और स्पेशल ऑपरेशन्स शामिल हो सकते हैं।
  4. आर्थिक प्रतिबंध और नाकेबंदी: इजरायल हिजबुल्लाह की आर्थिक मदद और हथियारों की आपूर्ति को रोकने के लिए लेबनान और अन्य सहयोगी देशों पर दबाव डाल सकता है।
  5. साइबर अटैक: इजरायल साइबर स्पेस में भी हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, जिससे उनकी संचार और सामरिक क्षमताओं को कमजोर किया जा सके।

इजरायल का जवाबी हमला हिजबुल्लाह के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है, और इससे मिडिल-ईस्ट में तनाव और बढ़ सकता है।

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