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यूपी में सरकारी तंत्र भी नहीं बच पाए बुलडोजर की कार्यवाही से।

 सिद्धार्थनगर में खजुरिया रोड चौड़ीकरण के लिए चला बुलडोजर, कोतवाली पर कार्रवाई को लेकर मचा हंगामा,यूपी में सरकारी तंत्र भी नहीं बच पाए बुलडोजर की कार्यवाही से

1. अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान: सिद्धार्थनगर जिले में खजुरिया रोड के चौड़ीकरण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। यह रोड दस्तावेजों में 18 मीटर चौड़ी दर्ज है, लेकिन अतिक्रमण के कारण इसकी चौड़ाई घटकर 8 मीटर रह गई थी, जिससे आए दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो रही थी। इस अभियान के तहत दर्जनों मकानों को तोड़ा गया और रोड को अतिक्रमण मुक्त करने का कार्य शुरू हुआ।

2. कोतवाली पर चली बुलडोजर: इस अभियान के तहत खजुरिया रोड पर स्थित कोतवाली पर भी  बुलडोजर चलाया गया। कोतवाली की बाउंड्री और गेट को गिराने का प्रयास किया गया, जिससे स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने विरोध जताया। थाना प्रभारी संतोष कुमार त्रिपाठी ने एसडीएम ललित मिश्रा से कोतवाली की बाउंड्री और गेट को गिराने का लिखित आदेश मांगा, जिससे मौके पर तनाव पैदा हो गया।

3. सीओ और दारोगा का विरोध: सीओ (सर्कल ऑफिसर) और दारोगा ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि पहले तहसील से लिखित आदेश दिखाया जाए, इसके बिना सरकारी संपत्ति पर बुलडोजर चलाना अनुचित है। इस दौरान सीओ और एसडीएम ललित मिश्रा के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

4. एडीएम की प्रतिक्रिया: इस पूरे मामले पर एडीएम उमाशंकर सिंह ने कहा कि नगर पालिका के अधिकारियों ने पहले ही अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। जब लोगों ने स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाया, तो मजबूरन बुलडोजर चलाना पड़ा। एडीएम ने कहा कि यह अभियान सरकारी आदेशों के तहत किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

5. प्रशासनिक अधिकारियों की टीम: इस अभियान की जिम्मेदारी एडीएम उमाशंकर सिंह को सौंपी गई थी, जिन्होंने एसडीएम ललित कुमार मिश्रा और नगरपालिका के कर्मचारियों के साथ मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया। प्रशासन ने साफ किया है कि अतिक्रमण हटाने का कार्य विधि सम्मत है और इसमें किसी भी प्रकार की अड़चन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

6. जनता की प्रतिक्रिया: इस अभियान के बाद इलाके में लोगों के बीच मिलीजुली प्रतिक्रिया देखी गई। कुछ लोगों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे जबरन कार्रवाई बताया। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया गया है और इसे जारी रखा जाएगा।

7. यूपी में सरकारी तंत्र भी नहीं बच पाए बुलडोजर की कार्यवाही से: इस घटनाक्रम ने सिद्धार्थनगर में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के बीच विवाद को उजागर कर दिया है, और अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।

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