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गुजरात में भारी बारिश,छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरी

गुजरात में भारी बारिश और तूफान के चलते, हाल ही में प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन

गुजरात – हाल ही में दिसंबर 2023 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा धूमधाम से अनावृत की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गुजरात में भारी बारिश और तेज़ तूफान के कारण गिर गई। यह प्रतिमा जनता के सहयोग से बनाई गई थी और इसे गुजरात के गौरव के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन प्रतिमा का इस तरह गिर जाना सरकार और ठेकेदार की घटिया निर्माण गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है।

प्रतिमा के गिरने की घटना ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि इस प्रतिमा के निर्माण में जो पैसा लगा, वह जनता के द्वारा दिया गया था, और इसे बनाने में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। बारिश और तूफान की तीव्रता को देखते हुए प्रतिमा को पर्याप्त मजबूती से बनाना चाहिए था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य में गंभीर खामियां रही हैं।

स्थानीय नागरिकों और शिवाजी महाराज के अनुयायियों का कहना है कि यह प्रतिमा केवल एक मूर्ति नहीं थी, बल्कि राज्य के इतिहास और गौरव का प्रतीक थी। इस प्रतिमा के गिरने से न केवल उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि सरकार की निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

विपक्षी दलों ने भी इस घटना पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि यह घटना सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सज़ा मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, निर्माण में शामिल ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जा सकती है। जनता का गुस्सा देखते हुए सरकार पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है।

यह घटना उस समय हुई है जब राज्य में भारी बारिश और तूफान ने पहले ही तबाही मचा रखी है। कई स्थानों पर जलभराव और बाढ़ की स्थिति है, और अब इस प्रतिमा के गिरने से जनाक्रोश और भी बढ़ गया है।

जनता अब इस मामले में सरकार से जवाब मांग रही है और उम्मीद कर रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और जनता का विश्वास बनाए रखा जा सके।

राज्य के कई हिस्सों में नदियां उफान पर हैं, और कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। विशेष रूप से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

भारी बारिश के कारण कई प्रमुख सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। ट्रेन और बस सेवाओं पर भी असर पड़ा है, और कई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है। स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है, और सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम हो गई है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है।

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और भी भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की संभावना है। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और आवश्यकतानुसार ही घरों से बाहर निकलें।

इस बीच, स्थानीय लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। बिजली कटौती, पीने के पानी की समस्या, और आवश्यक वस्तुओं की कमी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। प्रशासन द्वारा राहत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय दिया जा रहा है।

गुजरात में बारिश का यह कहर कब थमेगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और लोगों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

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