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70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा: दो साल के अंतराल के बाद समारोह का आयोजन

                       70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा

नई दिल्ली: महामारी के कारण दो साल तक स्थगित रहने के बाद, 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस देरी के कारण पुरस्कार वितरण की समयरेखा दो साल पीछे चल रही है। इस वर्ष के विजेताओं को राष्ट्रपति भवन में अक्टूबर में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

1. सर्वश्रेष्ठ फिल्म: ‘अट्टम’

‘अट्टम’ को इस साल सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह फिल्म अपनी मौलिकता, बेहतरीन निर्देशन, और गहन कथा के कारण जूरी का ध्यान खींचने में सफल रही। ‘अट्टम’ की कहानी में भावनात्मक गहराई और समाज के प्रति एक मजबूत संदेश को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

2. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: ऋषभ शेट्टी (‘कांतारा’)

ऋषभ शेट्टी ने फिल्म ‘कांतारा’ में एक गांव के व्यक्ति की भूमिका निभाई, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण की रक्षा के लिए संघर्ष करता है। इस भूमिका में उनकी परफॉर्मेंस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, और इसी दम पर उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

3. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: नित्या मेनन (‘तिरुचित्रम्बलम’) और मंसी पारेख (‘कच्छ एक्सप्रेस’)

नित्या मेनन और मंसी पारेख को उनकी फिल्मों ‘तिरुचित्रम्बलम’ और ‘कच्छ एक्सप्रेस’ में शानदार अभिनय के लिए संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया है। दोनों अभिनेत्रियों ने अपने किरदारों में भावनात्मक गहराई और स्वाभाविकता से जान डाल दी, जिससे वे जूरी का दिल जीतने में सफल रहीं।

4. सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: ‘गुलमोहर’

‘गुलमोहर’ ने इस साल की सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर जैसे वरिष्ठ कलाकारों के सशक्त अभिनय से सजी इस फिल्म ने परिवार, संबंधों और समाज की जटिलताओं को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया है, जिससे यह फिल्म आलोचकों और दर्शकों की पसंद बन गई।

5. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: सूरज बड़जात्या (‘उंचाई’)

सूरज बड़जात्या को फिल्म ‘उंचाई’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया है। ‘उंचाई’ एक प्रेरणादायक कहानी है जो दोस्ती, जुनून, और जीवन के लक्ष्यों के प्रति समर्पण को दर्शाती है। बड़जात्या ने अपने निर्देशन से इस फिल्म में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो दर्शकों के दिलों को छू गया।

6. सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: नीना गुप्ता (‘फौजा’ – हरियाणवी भाषा)

नीना गुप्ता ने फिल्म ‘फौजा’ में अपनी दमदार भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता है। हरियाणवी भाषा की इस फिल्म में उनका प्रदर्शन न सिर्फ सशक्त था, बल्कि उन्होंने अपने किरदार में पूरी तरह से डूबकर उसे जीवंत बना दिया। उनकी अदाकारी ने दर्शकों और आलोचकों को समान रूप से प्रभावित किया।

7. सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म: ‘कांतारा’

‘कांतारा’ ने इस साल की सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का खिताब अपने नाम किया है। इस कन्नड़ फिल्म ने दर्शकों का दिल जीता और बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार प्रदर्शन किया। फिल्म की अद्वितीय कहानी, शानदार सिनेमैटोग्राफी और ऋषभ शेट्टी के उत्कृष्ट अभिनय ने इसे एक अद्वितीय स्थान पर पहुंचा दिया।

8. सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक: प्रमोद कुमार (‘फौजा’)

प्रमोद कुमार को उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘फौजा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक का पुरस्कार मिला है। इस फिल्म में उन्होंने गांव के एक साधारण आदमी की संघर्षशील यात्रा को बड़े ही संवेदनशील और यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया। प्रमोद कुमार के निर्देशन ने नई उम्मीदें और मानदंड स्थापित किए हैं।

9. सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म: ‘कार्तिकेय 2’

‘कार्तिकेय 2’ को सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म का पुरस्कार मिला है। यह फिल्म एक रोमांचक और रहस्यमयी कथा पर आधारित है, जो भारतीय संस्कृति और पुराणों के तत्वों को बखूबी जोड़ती है। इस फिल्म ने दर्शकों को अपनी कुर्सियों से बांधे रखा और एक मनोरंजक और शैक्षिक अनुभव प्रदान किया।

10. सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म: ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ (PS-1)

मणिरत्नम की ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ (PS-1) को सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म का पुरस्कार मिला है। यह ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म चोल साम्राज्य की कहानी पर आधारित है, जिसमें बेहतरीन अभिनय, भव्य सेट्स, और समृद्ध संगीत ने इसे एक दर्शनीय अनुभव बना दिया। फिल्म ने तमिल सिनेमा में नए मानक स्थापित किए हैं।

11. सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म: ‘बाग़ी दी धी’

‘बाग़ी दी धी’ को सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह फिल्म पंजाब के ऐतिहासिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित है, जिसमें स्थानीय संस्कृति और भाषा का अद्वितीय मिश्रण देखने को मिलता है। फिल्म की कहानी ने अपनी सादगी और भावनात्मक प्रभाव के कारण जूरी का दिल जीता।

12. सर्वश्रेष्ठ उड़िया फिल्म: ‘डामन’

‘डामन’ को सर्वश्रेष्ठ उड़िया फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस फिल्म ने उड़िया सिनेमा की समृद्ध परंपराओं और सामाजिक मुद्दों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है। ‘डामन’ की कहानी और निर्देशन ने दर्शकों और समीक्षकों को समान रूप से प्रभावित किया, जिससे यह पुरस्कार की हकदार बनी।

13. सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म: ‘सऊदी वेल्लालिक (CC.225/2003)’

‘सऊदी वेल्लालिक (CC.225/2003)’ को सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह फिल्म एक सशक्त कथा और उत्कृष्ट निर्देशन का परिणाम है, जिसने मलयालम सिनेमा में अपनी विशेष पहचान बनाई। फिल्म की कहानी और इसके सामाजिक संदेश ने इसे आलोचकों और दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया।

14. सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म: ‘बालवी’

‘बालवी’ को इस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इस फिल्म में मराठी संस्कृति, समाज और पारिवारिक मूल्यों को बड़ी संवेदनशीलता और समझदारी के साथ प्रस्तुत किया गया है। ‘बालवी’ ने अपने सहज कथानक और उत्कृष्ट निर्देशन के कारण इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपने नाम किया।

15. सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म: ‘KGF चैप्टर 2’

‘KGF चैप्टर 2’ को सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह फिल्म अपनी भव्यता, अद्वितीय एक्शन दृश्यों और रोमांचक कथा के लिए जानी जाती है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की और दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की, जिससे इसे यह सम्मान प्राप्त हुआ।

16. सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन: ‘KGF चैप्टर 2’

‘KGF चैप्टर 2’ को सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन का पुरस्कार मिला है। इस फिल्म के एक्शन दृश्य न केवल बेहद प्रभावशाली थे, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक्शन के मानदंडों को नई ऊंचाई दी। इन दृश्यों की बेहतरीन कोरियोग्राफी और तकनीकी कुशलता ने इसे यह पुरस्कार दिलाया।

17. सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी: ‘तिरुचित्रम्बलम’

‘तिरुचित्रम्बलम’ को सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इस फिल्म के गानों में कोरियोग्राफी न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध थी, बल्कि उसमें रचनात्मकता और तकनीकी कुशलता का बेहतरीन मिश्रण भी देखने को मिला। फिल्म के नृत्य दृश्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

18. सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन: प्रीतम

प्रीतम को इस साल सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उनके संगीत ने न केवल फिल्म की कहानी को संवारा, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी अपनी जगह बनाई। प्रीतम की धुनें, जो भावनाओं को गहराई से व्यक्त करती हैं, ने इस साल के पुरस्कारों में उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया।

19. सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड संगीत: ए.आर. रहमान (‘PS-1’)

ए.आर. रहमान को फिल्म ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ (PS-1) के लिए सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड संगीत का पुरस्कार मिला है। रहमान का संगीत फिल्म की भावनात्मक गहराई और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को और अधिक प्रभावी बनाता है। उनके संगीत ने फिल्म की कहानी को जीवंत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

20. सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन: विशाल भारद्वाज

विशाल भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार मिला है। उनके संगीत ने फिल्म की कहानी को अद्वितीयता और गहराई दी, जो दर्शकों के दिलों में बस गई। भारद्वाज के संगीत में मौलिकता और भारतीयता का अनूठा मेल देखने को मिलता है, जिससे उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ।

21. सर्वश्रेष्ठ मेकअप: ‘अपराजितो’

‘अपराजितो’ को सर्वश्रेष्ठ मेकअप का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म के पात्रों की मेकअप कला ने उन्हें यथार्थवादी और प्रभावशाली बना दिया, जो दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बना। मेकअप की तकनीकी कुशलता और सटीकता ने इस फिल्म को इस श्रेणी में विजेता बनाया।

22. सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन: ‘कच्छ एक्सप्रेस’

‘कच्छ एक्सप्रेस’ को सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म में इस्तेमाल किए गए परिधानों ने न केवल कहानी की प्रामाणिकता को बढ़ाया, बल्कि किरदारों की पहचान को भी और स्पष्ट किया। कॉस्ट्यूम डिज़ाइन की खूबसूरती और सटीकता ने इसे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाया।

23. सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन: ‘अपराजितो’

‘अपराजितो’ को सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन का पुरस्कार मिला है। फिल्म के सेट डिज़ाइन और दृश्यात्मक तत्वों ने इसे एक यथार्थवादी और प्रभावी अनुभव बनाया। प्रोडक्शन डिज़ाइन में दिखाए गए विवरण और कुशलता ने दर्शकों को फिल्म की दुनिया में पूरी तरह से डूबने का अवसर दिया।

24. सर्वश्रेष्ठ संपादन: ‘अट्टम’

‘अट्टम’ को इस साल सर्वश्रेष्ठ संपादन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म के संपादन ने कहानी को एक तेज़ और कुशल गति दी, जिससे दर्शकों का ध्यान एक क्षण के लिए भी नहीं भटका। संपादन की सटीकता और प्रभावशीलता ने फिल्म की कहानी को और अधिक प्रभावी बना दिया।

25. सर्वश्रेष्ठ संवाद: ‘गुलमोहर’

‘गुलमोहर’ को सर्वश्रेष्ठ संवाद का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म के संवादों में गहराई और सादगी का अनूठा मेल है, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया। संवादों ने न केवल पात्रों की भावनाओं को बखूबी उभारा, बल्कि फिल्म की पूरी कहानी को भी संजीवनी दी।

26. सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी: ‘PS-1’

‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ (PS-1) को सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म के भव्य दृश्यों और सटीक फ्रेमिंग ने इसे एक दृश्यात्मक महाकाव्य बना दिया। सिनेमैटोग्राफी ने न केवल फिल्म की ऐतिहासिक कहानी को सजीव किया, बल्कि दर्शकों को एक अद्वितीय दृश्य अनुभव भी प्रदान किया।

27. सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका: बॉम्बे जयश्री

बॉम्बे जयश्री को इस साल की सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उनकी गायकी में भावनात्मक गहराई और तकनीकी कुशलता का अनूठा मिश्रण है, जिसने दर्शकों और जूरी का दिल जीता। जयश्री की आवाज़ ने फिल्म की कहानी को और भी प्रभावशाली बना दिया।

28. सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक: अरिजीत सिंह

अरिजीत सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उनकी आवाज़ में एक खास किस्म की संवेदनशीलता और मिठास है, जिसने इस साल की फिल्मों के गानों को एक नई ऊंचाई दी। अरिजीत की गायकी ने उन्हें भारतीय संगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

29. सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन: नौशाद

नौशाद को सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उनके गीतों में गहरी भावनाएं और साहित्यिक गुणवत्ता है, जिसने दर्शकों और श्रोताओं को प्रभावित किया। नौशाद के गीतों में भारतीय संस्कृति और संवेदनाओं का अद्वितीय मिश्रण है, जो उन्हें इस पुरस्कार का पात्र बनाता है।

30. सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: श्रीपद

श्रीपद को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उनके अद्वितीय अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। एक बाल कलाकार के रूप में श्रीपद की भूमिका में मासूमियत, स्वाभाविकता, और गहराई देखने को मिली, जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का हकदार बनाया।

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा की विविधता और उत्कृष्टता का एक प्रमुख प्रमाण हैं। इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने अपनी अनूठी कहानियों, बेहतरीन अभिनय, और अद्वितीय तकनीकी क्षमताओं के माध्यम से सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। ‘कांतारा’ और ‘गुलमोहर’ जैसी फिल्मों ने अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से दर्शकों और जूरी का दिल जीत लिया, जबकि अन्य श्रेणियों में विजेताओं ने अपनी कला और पेशेवर कुशलता से सिनेमा जगत को प्रेरित किया है। अक्टूबर में राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाला पुरस्कार वितरण समारोह एक विशेष अवसर होगा, जहां इन प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह भारतीय सिनेमा की समृद्ध परंपराओं और भविष्य की संभावनाओं को उजागर करता है।

       

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